कोई मन से बिकलांग।
है थोडे़ थोडे़ सभी बिकलांग।
है कोई धन से भी बिकलांग।।
है बिकलांग की क्या परिभाषा ।
नही समझसका इनकी भाषा।।
जो अपने को अमीर कहते है ।
पर मा बाप बृद्धाश्रम में रहते है।।
उनको भी कहूँ बिकलांग ?
हां वह भी है सच में बिकलांग
जो धन से गरीब बताये जाते है
पर मा बाप उनके साथ रहते है
वह धन से है बिकलांग
पर मन से नही बिकलांग
बिकलांग की भाषा अजीब है
नही समझेगा जो गरीब है
एक झौपडी़ में भी अमीर है।
उसे दिखती मा बाप की पीर है।।
दूजा महल मे भी गरीब है।
उसका फूट गया नसीब है।।
वह न समझा अपनौ की पीर है।
क्यौकि वह उनसे होगया दूर है।
जिसके हाथ और पैर नही होते है।
वह तो नकली बिकलांग होते है।।
असली वह होता है बिकलांग।
जो मन व धन से है बिकलांग।।
दैनिक काब्य प्रतियोगिता के लिए रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "
28/05/2022
Kusam Sharma
01-Jun-2022 09:36 AM
Nice
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Shnaya
31-May-2022 09:34 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Naresh Sharma "Pachauri"
29-May-2022 10:56 AM
सभी को बहुत बहुत धन्यवाद जी
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